करोड़ों-अरबों लोगों को अपनी गोद में पनाह देने वाली इस पृथ्वी को जल्द ही एक दूसरा सूरज नसीब होने वाला है। जी हां, चौंकिए मत..। वैज्ञानिकों की मानें तो अंधेरे आसमान में सर्वाधिक चमकीले तारों में से एक तारा जब धमाके से सुपरनोवा में तब्दील होगा तो जल्द ही हमारी धरती को एक दूसरा सूरज नसीब होगा। इस साल की शुरुआत में ही धरती को दूसरे सूरज का साथ मिलने की संभावना है। दोनों का साथ कम से कम एक या दो हफ्ते का होगा। धरती को दूसरा सूरज नसीब होने का यह वाकया इस ग्रह के इतिहास में सबसे जबर्दस्त लाइट शो साबित हो सकता है। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, पृथ्वी को निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा जब अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुका तारा ‘बेतेलजियूज’ हमेशा के िल्ा ए खत्म होने की स्थिति में आएगा। यह धमाका इतना चमकदार होगा कि 640 प्रकाश वर्ष दूर ‘ओरियन’ तारामंडल में तारे के मौजूद होने के बावजूद यह रात को दिन में बदल डालेगा और कुछ हफ्ते तक ऐसा लगेगा कि आसमान में दो सूरज हैं। असल बहस का मुद्दा तो यह है कि आखिर यह होगा कब ? यदि नक्षत्रों की भाषा में समझें तो ‘बेतेलजियूज’ के दुर्घटनाग्रस्त होने और बहुत निकट भविष्य में जल जाने का अंदेशा है। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न क्वींसलैंड के ब्रैड कार्टर ने दावा किया कि आकाशगंगा से जुड़ा धमाका 2012 से पहले हो सकता है या फिर अगले लाखों वर्षों में कभी भी हो सकता है। कार्टर ने बताया कि यह उम्रदराज सितारा अपने केंद्र में धीरे-धीरे ऊर्जा खोता जा रहा है। ऊर्जा से ‘बेतेलजियूज’ दमकता रहता है और मजबूत भी बना रहता है। ऊर्जा की कमी की वजह से सितारा खुद ही खत्म हो जाएगा और यह बहुत तेजी से होगा।
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Sunday, January 23, 2011
पृथ्वी को मिलेगा दूसरा सूरज
करोड़ों-अरबों लोगों को अपनी गोद में पनाह देने वाली इस पृथ्वी को जल्द ही एक दूसरा सूरज नसीब होने वाला है। जी हां, चौंकिए मत..। वैज्ञानिकों की मानें तो अंधेरे आसमान में सर्वाधिक चमकीले तारों में से एक तारा जब धमाके से सुपरनोवा में तब्दील होगा तो जल्द ही हमारी धरती को एक दूसरा सूरज नसीब होगा। इस साल की शुरुआत में ही धरती को दूसरे सूरज का साथ मिलने की संभावना है। दोनों का साथ कम से कम एक या दो हफ्ते का होगा। धरती को दूसरा सूरज नसीब होने का यह वाकया इस ग्रह के इतिहास में सबसे जबर्दस्त लाइट शो साबित हो सकता है। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, पृथ्वी को निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा जब अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुका तारा ‘बेतेलजियूज’ हमेशा के िल्ा ए खत्म होने की स्थिति में आएगा। यह धमाका इतना चमकदार होगा कि 640 प्रकाश वर्ष दूर ‘ओरियन’ तारामंडल में तारे के मौजूद होने के बावजूद यह रात को दिन में बदल डालेगा और कुछ हफ्ते तक ऐसा लगेगा कि आसमान में दो सूरज हैं। असल बहस का मुद्दा तो यह है कि आखिर यह होगा कब ? यदि नक्षत्रों की भाषा में समझें तो ‘बेतेलजियूज’ के दुर्घटनाग्रस्त होने और बहुत निकट भविष्य में जल जाने का अंदेशा है। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न क्वींसलैंड के ब्रैड कार्टर ने दावा किया कि आकाशगंगा से जुड़ा धमाका 2012 से पहले हो सकता है या फिर अगले लाखों वर्षों में कभी भी हो सकता है। कार्टर ने बताया कि यह उम्रदराज सितारा अपने केंद्र में धीरे-धीरे ऊर्जा खोता जा रहा है। ऊर्जा से ‘बेतेलजियूज’ दमकता रहता है और मजबूत भी बना रहता है। ऊर्जा की कमी की वजह से सितारा खुद ही खत्म हो जाएगा और यह बहुत तेजी से होगा।
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