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Sunday, January 23, 2011

अंतरिक्ष से आया पृथ्वी पर जीवन


पृथ्वी पर जीवन अंतरिक्ष से आया है। लंबे समय से प्रचलित इस धारणा पर अब अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने भी मुहर लगा दी है। नासा के वैज्ञानिकों को इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति करने वाले जैविक कारक क्षुद्रग्रहों की चट्टानों के रूप में धरती पर आए। शोध के परिणाम मेटेओरिटिक्स एंड प्लेनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। नासा के शोध में दावा किया गया है कि अंतरिक्ष से आए क्षुद्रग्रहों की चट्टानों ने जीवन की उत्पत्ति के लिए आवश्यक अमीनो एसिड का निर्माण किया। उनका कहना है कि इन चट्टानों ने दो प्रकार के अमीनो एसिड बनाए थे। वैज्ञानिकों ने इन्हें लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड और राइट हैंडेड अमीनो एसिड नाम दिया। उनका कहना है कि केवल लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड प्राकृतिक तौर पर पाए जाते हैं। मार्च 2009 में नासा के वैज्ञानिकों को उल्का पिंडों के नमूनों में काफी मात्रा में लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड मिले, जो कि कार्बन की अधिकता वाले क्षुद्रग्रहों से आए थे। इस खोज से पता लगता है कि संभवत: लेफ्ट हैंडेड जीवन (अमीनो एसिड) की शुरुआत अंतरिक्ष में हुई थी। उल्का पिंडों के जरिए यह यौगिक पदार्थ पृथ्वी पर आया। ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने नासा के वैज्ञानिक डॉक्टर डेनियन ग्लेविन के हवाले से बताया कि उल्का पिंडों से मिले प्रमाण हमारी पुरानी अवधारणा को बल देते हैं कि पृथ्वी पर जीवन अंतरिक्ष की देन है। हमारी प्रारंभिक खोज कोई अनायास मिली सफलता नहीं है बल्कि वास्तव में क्षुद्रग्रहों पर कुछ न कुछ हुआ था जहां से ये उल्का पिंड आए होंगे। वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती के इतिहास की शुरुआत में ही यहां पर लेफ्ट हैंड अमीनो एसिड से भरपूर उल्का पिंडों की जबरदस्त बमबारी हुई होगी। लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड इसलिए प्रकृति में रह गए होंगे क्योंकि ये यौगिक पदार्थ विकसित होते जीवन में सम्मिलित हो गए थे। प्रमाण बताते हैं कि तरल जल की उपस्थिति ने लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड (आइसोवेलाइन या एल-आइसोवेलाइन) के स्तरों को बढ़ा दिया था। डॉ. ग्लेविन ने बताया कि तरल जल इस सब की कुंजी दिखाई देता है। क्षुद्रग्रहों के उल्का पिंडों में मौजूद खनिजों का विश्लेषण करके हम बता सकते हैं कि ये क्षुद्रग्रह तरल जल द्वारा कितने बदले। उन्होंने कहा कि इन क्षुद्रग्रहों में जितना बदलाव हुआ, हमने उतनी ही अधिक मात्रा में एल-आइसोवेलाइन पाया। यह बात इशारा करती है कि लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड के निर्माण की प्रक्रिया में तरल जल की भी भूमिका रही है। वैज्ञानिक मानते हैं कि लेफ्ट हैंडेड अमीनो एसिड का प्रारंभिक संतुलन बने रहने में रेडिएशन भी जिम्मेदार हो सकता है।