अंतरिक्ष एजेंसी नासा की वेधशाला को सूरज की असाधारण लपटें नजर आईं हैं जो अगले कुछ दिनों में धरती पर उपग्रहीय संचार और ऊर्जा में बाधा डाल सकती है। इससे दो दिन बाद धरती पर आ सकता है मध्यम चुंबकीय तूफान। राष्ट्रीय मौसम सेवा के मुताबिक, सूरज में एक भीषण धमाका हुआ जिससे वहां विकिरण का तूफान आया। वर्ष 2006 के बाद ऐसा तूफान वहां नहीं देखा गया था। अधिकारियों को उम्मीद है कि आग की लपटें आज जरा नरम पड़ेंगी। वैज्ञानिक बिल मर्टाग ने कहा, यह जरा नाटकीय है। उन्होंने बताया कि मध्यम आकार की एम-2 लपटों को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार पांच बज कर 41 मिनट पर आगे बढ़ता पाया गया। मर्टाग ने कहा, हमने शुरूआती लपटों को देखा। वे उतनी तेज नहीं थीं लेकिन धमाका बहुत तेज था। हमने उसमें विकिरण को भी पाया। हालांकि नासा ने कहा है कि पृथ्वी पर इस घटना का कम प्रभाव पड़ने की आशंका है। मर्टाग ने कहा, एक दो दिनों में हम उसका धरती पर असर पड़ने की उम्मीद कर रहे हैं और इससे यहां भू-चुंबकीय तूफान भी आ सकता है। उन्होंने कहा, इससे बहुत बड़ा नहीं बल्कि मध्यम तूफान पैदा हो सकता है। इससे धरती के गर्भ में हलचल होने की आशंका है। इस हलचल से वातावरण में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। नासा के बयान के अनुसार छोटे कणों के बड़े बादल बनने की उम्मीद है जिससे सौर क्षेत्र का आधे से ज्यादा हिस्सा ढंक जाएगा। मुर्ताघ का कहना है कि अंतरिक्ष विज्ञानी इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि सूर्य और धरती के बीच 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी में चुंबकीय क्षेत्रों का कोई टकराव तो नहीं होगा। अब देखना यह है कि सूर्य से निकली गैस और चुंबकीय क्षेत्र कहीं पृथ्वी पर तो निशाना नहीं लगा रहा। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में कोई तीव्र या मध्यम स्तर का सौर तूफान तो नहीं आ रहा।
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