Tuesday, July 12, 2011

अटलांटिस के पास कबाड़ की तलाश


अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अंतरिक्ष में मलबे के एक टुकड़े की तलाश कर रही है जिसके शटल अटलांटिस के रास्ते में आने की आशंका जताई गई है। आशंका जताई गई है कि यह टुकड़ा मंगलवार तक अटलांटिस के निकट पहुंच कर उसके लिए खतरा बन सकता है। अटलांटिस के अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने के बाद इसके वहां मौजूद होने की बात सामने आई थी। नासा के शटल कार्यक्रम के उप प्रबंधक लीरॉय केन ने कहा कि इस बात की पूरी कोशिश की जाएगी कि मलबे का टुकड़ा शटल और स्टेशन से टकराने की स्थिति में न आए। केन ने कहा, हम सामान्य प्रक्रिया ही अपनाएंगे। इस मामले को सामान्य तरीके से निपटा जाएगा। अभी हमारे पास शुरुआती जानकारी है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में पड़ी इस वस्तु के आकार के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन आने वाले समय में और जानकारी आने की संभावना है। अटलांटिस नासा के शटल मिशन का आखिरी शटल है, जिसे अंतरिक्ष में भेजा गया है। अंतरिक्ष यान अटलांटिस चार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सफलतापूर्वक रविवार को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर 12 दिन के मिशन पर पहुंचा है। इस मिशन के पूरा होने के बाद नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम के एक युग का अंत हो जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के साथ अटलांटिस का 12वां मिलन न्यूजीलैंड के पूर्वी समुद्र तट से लगभग 386 किलोमीटर ऊपर दो यानों के परिभ्रमण के साथ पूरा हुआ। वहां पहले से मौजूद तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने यान की पारम्परिक रूप से अगवानी की। अटलांटिस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र तक की यात्रा साल्मोनेला बैक्टीरिया द्वारा पैदा होने वाले जठरांत्र रोगों के लिए टीके विकसित करने का एक प्रयोग है। अटलांटिस अपने साथ पर्याप्त मात्रा में कल-पुर्जे भी लेकर गया है, ताकि शटल कार्यक्रम बंद होने के बाद भी अंतरिक्ष केंद्र को सक्रिय रखा जा सके। इस ऐतिहासिक मिशन का नेतृत्व अमेरिकी नौसेना के सेवानिवृत्त कैप्टन क्रिस फग्र्यूसन कर रहे हैं। वह अंतरिक्ष में अपनी तीसरी उड़ान पर हैं। उनके अलावा पायलट डौग हर्ली अपने दूसरे अंतरिक्ष मिशन पर हैं। हर्ली नौसेना के कर्नल हैं।


पृष्ठ संख्या 14, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण), 12 जुलाई, 2011

No comments:

Post a Comment