Wednesday, June 29, 2011

अलग तरह से बने थे सूरज और ग्रह


ग्रहों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सूरज और सौरमंडल के ग्रहों का निर्माण अब तक की धारणाओं से अलग तरीके से हुआ होगा। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक दल ने सूरज और ग्रहों में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के मामले में उनके अलग होने का खुलासा किया है। हमारे सौर मंडल में यह दोनों गैसें प्रचुर मात्रा में हैं। नासा के 2004 जीनेसीस मिशन में प्राप्त हुए नमूनों का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अंतर बहुत कम है लेकिन इससे यह जानने में मदद मिल सकती है कि हमारा सौरमंडल कैसे बना था। अध्ययन दल के नेतृत्वकर्ता केविन मैककीगन ने कहा, हमने पाया कि पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल ग्रह तथा उल्कापिंड जैसे क्षुद्रगहों के नमूनों में ओ-16 सूर्य की तुलना में कम मात्रा में है। उन्होंने कहा, आशय यह है कि हम सौर नीहारिका के उस पदार्थ को चिन्हित नहीं कर पाए जिससे सूरज बना है..यह कैसे और क्यों हुआ, इस बात का पता लगना अभी बाकी है। गौरतलब है कि पृथ्वी पर वायु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं के योग से बना है। इनमें मौजूद न्यूट्रॅानों की संख्या के आधार पर अंतर किया जाता है। सौरमंडल में करीब 100 फीसदी ऑक्सीजन परमाणु ओ-16 से निर्मित हैं लेकिन ओ-17 और ओ-18 नाम के ऑक्सीजन आइसोटोप बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है। नमूनों के अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि सूरज में ओ-16 की मौजूदगी का प्रतिशत पृथ्वी या अन्य ग्रहों की तुलना में थोड़ा अधिक है। अन्य आईसोटोप का प्रतिशत थोड़ा कम है। नाइट्रोजन तत्व के मामले में सूरज और ग्रहों के बीच अंतर होने का पता चला है। ऑक्सीजन की तरह नाइट्रोजन का भी एक आइसोटोप है जिसका नाम एन-14 है। इससे सौरमंडल में करीब 100 फीसदी परमाणु का निर्माण होता है लेकिन एन 15 बहुत कम मात्रा में है। इन नमूनों का अध्ययन करने वाले दल ने पाया कि पृथ्वी की तुलना में सूरज और बृहस्पति में मौजूद नाट्रोजन एन-14 से कुछ अधिक हैं लेकिन एन-15 से कुछ कम है। सूरज और बृहस्पति दोनों ही में नाइट्रोजन की समान मात्रा प्रतीत होती है। अध्ययन के मुताबिक, जहां तक ऑक्सीजन की बात है, पृथ्वी और शेष सौरमंडल नाइट्रोजन के मामले में बहुत अलग हैं.

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