Monday, April 11, 2011

प्रयोगशाला में बनाई किडनी


वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने प्रयोगशाला में स्टेम कोशिकाओं की मदद से गुर्दा (किडनी) तैयार कर लिया है। इस विकास को चिकित्सा जगत में बड़ी सफलता माना जा रहा है। इसके बाद अब प्रत्यारोपण के लिए इस अंग की कमी से निपटने में मदद मिलेगी। स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के एक शोध दल को यह अभूतपूर्व कामयाबी मिली है। स्टेम कोशिकाएं शरीर के निर्माण में बेहद अहम भूमिका निभाती हैं। द स्कॉट्समैन की खबर के अनुसार, प्रयोगशाला में बनकर तैयार इस अंग की लंबाई भू्रण में गुर्दे के आकार के बराबर यानी आधा सेंटीमीटर है और इसे बनाने वाले दल को उम्मीद है कि यह छोटा सा गुर्दा मानव शरीर में प्रत्यारोपित होने के बाद बढ़कर सामान्य गुर्दे के बराबर हो जाएगा। यहां तक कि इस गुर्दे को तैयार करने में अमीनियोटिक द्रव्य की कोशिकाओं का प्रयोग किया गया है। यह द्रव्य गर्भ में बच्चे के चारों ओर फैला रहता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चे के जन्म के समय चिकित्सक इस द्रव्य को एकत्रित कर सकते हैं और तब तक संचित रख सकते हैं जब तक गुर्दे की बीमारी वाले मरीज को इसकी जरूरत नहीं पड़ती। नए गुर्दे के निर्माण के लिए व्यक्ति की खुद की अमीनियोटिक द्रव्य कोशिकाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं। ऐसा करने से उस समस्या का भी अंत होगा जब किसी मृतक देनदाता के अंग का इस्तेमाल करने को लोग खारिज कर देते हैं। इस दल के प्रमुख प्रोफेसर जैमी डेवीस ने कहा कि सोच यह थी कि मानव स्टेम कोशिकाओं से शुरुआत की जाए और कार्यशील अंग पर खत्म। अगर आपके पास टेस्ट ट्यूब में स्टेम कोशिकाओं का गच्च्छा मौजूद हो तो इसे जटिल गुर्दे जैसा अंग बनने में बेहद लंबा सफर तय करना होगा। उन्होंने कहा कि इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे तरल में तैरती कोशिकाओं को आप कुछ ऐसे व्यवस्थित करते हैं कि वह गुर्दे के रूप में तब्दील हो जाएं। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में काफी अच्छी प्रगति की है। हम कुछ ऐसा बना सकते हैं जो जटिलता के मामले में सामान्य भ्रूणीय गुर्दे जैसा हो मगर अभी तक परिपक्व नहीं हुआ हो। मानव में इस गुर्दे का प्रत्यारोपण संभव बनाने के लिए स्कॉटलैंड और अमेरिका के शोध दल विभिन्न तकनीकों पर काम कर रहे हैं। मिशिगन के दल ने भ्रूणीय स्टेम कोशिकाओं को गुर्दे की स्टेम कोशिकाओं में बदलने के लिए रसायनों का प्रयोग किया|

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