Monday, February 21, 2011

भूकंप की होगी सटीक भविष्यवाणी


दुनिया भर में हर साल भूकंप से मरने वाले हजारों लोगों को बचाने की दिशा में रूस और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की कोशिशें परवान चढ़ती नजर आ रही हैं। वैज्ञानिकों के एक संयुक्त दल की मानें तो एक नई परियोजना ट्विनसेट के तहत छोड़े जाने वाले दो उपग्रह भूकंप आने से पहले ही उसके सही स्थान और समय की जानकारी मुहैया कराएंगे। दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने इस परियोजना पर काम करने के लिए मॉस्को में समझौते पर हस्ताक्षर किए। ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट के अनुसार, एक उपग्रह पुराने टीवी के आकार का होगा, जबकि दूसरा जूते के डिब्बे से भी छोटा होगा। दोनों उपग्रह रूस के सुदूर पूर्व स्थित कमचाटका प्रायद्वीप और आइसलैंड जैसे भूकंप और ज्वालामुखी से प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी करेंगे। इनसे मिली जानकारी और जमीनी स्तर की जानकारियों का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिक भूकंप के आने से पहले चेतावनी जारी करेंगे। परियोजना को शुरू करने वाले यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के प्रोफेसर ऐलेन स्मिथ ने कहा, भूकंप से पहले धरती में उत्पन्न होने वाले तनाव से जो विद्युतचुंबकीय तरंगे निकलती हैं उन्हें वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में प्राप्त किया जा सकता है। इसी वजह से उपग्रह इन्हीं तरंगों का ग्रहण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि ये तरंगे अन्य सभी चीजों से भिन्न कैसे होती हैं। परियोजना में शामिल एक रूसी वैज्ञानिक प्रोफेसर विटैली चिमिरेव ने कहा कि इस शोध में प्रगति की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। इस परियोजना की सफलता से धरती की सुरक्षा के साथ ही रूस और ब्रिटेन में विज्ञान को नई ऊंचाई मिलेगी। उन्होंने कहा, कल्पना कीजिए कि पिछले साल हैती में आए विनाशकारी भूकंप के बारे में अगर पहले से पता चल जाता तो कितनी जानें बचाई जा सकती थी। मगर बाद में ही इसका विशलेषण होता रहा। इस परियोजना का पहला उपग्रह 2015 में छोड़े जाने की योजना है। चिमिरेव ने कहा कि यह परियोजना ऐसी तरंगों को पढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है। उन्होंने कहा कि आइलैंड में ज्वालामुखी फटने से पूरे हफ्ते परिवहन मार्ग बाधित रहे। अगर हम इसका पहले ही पता लगा लेते तब! यह परियोजना मानव और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा फायदा साबित हो सकती है। परियोजना दल के एक अन्य सदस्य प्रोफेसर पीटर सेमोंड्स ने बताया कि उपग्रह बेहद छोटे होंगे और तकनीक अपेक्षाकृत कम खर्चीली। उन्होंने कहा कि आप इन्हें अपनी हथेली पर भी रख सकते हैं। अगर यह परियोजना प्रगति करती है, जैसा हम चाहते हैं, हम ऐसे कई और उपग्रह भेज सकेंगे ताकि कवरेज को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि अब वह समय दूर नहीं है जब आपके भूकंपों की भविष्यवाणियां कर सकेंगे। प्रोफेसर चिमिरेव कहते हैं कि लोग आपको वैज्ञानिक की बजाए धूर्त कह सकते हैं। मगर विज्ञान तेजी से बढ़ रहा है और मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि जल्द या थोड़ी देर से हम भूकंप की सटीक भविष्यवाणियां करने में सक्षम होंगे।

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