देखने में यह भले यह वेलेंटाइन डे कार्ड पर बना दिल का कार्टून लगे। लेकिन असल में यह दुनिया का सबसे पहला और पुराना नकली दिल है जो 1969 में तीन दिन तक धड़का भी था। प्लास्टिक और पॉली फाइबर का बना यह दिल करीब आधा पाउंड का था। इसमें लगे ट्यूब बिस्तर के किनारे रखी एक वाशिंग मशीन के आकार की एक मशीन से जुड़े रहते थे। इस दिल के धड़कने और रक्त का सही दबाव बनाए रखने के लिए इसमें कई स्विच भी लगाए गए थे। इस पुरातन मशीन ने 1969 में अप्रैल के महीने में अमेरिका में हॉस्केल कार्प (47) नाम के मरीज को हृदय प्रत्यारोपण से ऐन पहले तीन दिन तक जिंदा भी रखा था। यानी यह प्लास्टिक का दिल जीवनदायी था। दुर्भाग्यवश यह हृदय प्रत्यारोपण सफल नहीं रहा था। कार्प ह्यूस्टन के सेंट ल्यूक अस्पताल में नया मानव हृदय लगने के लिए दो दिन बाद ही मर गए थे। लेकिन इसके बाद अब से करीब 42 साल पहले सारी दुनिया में यह स्पष्ट हो गया था कि एक कृतिम हृदय भी जीवन दे सकता है। हालांकि उस समय चिकित्सा समुदाय के बहुत से लोगों ने इस ऑपरेशन को अनैतिक करार दिया था। कलाकृतियां संग्रह करने वाले स्मिथसोनियन संस्थान ने पहले प्लास्टिक हृदय का फोटो जारी कर सबको अचंभित कर दिया है। यह फोटो 14 फरवरी को अमेरिकन हार्ट मंथ के अवसर पर जारी किया गया। उस समय चिकित्सा समुदाय की मंजूरी के बगैर यह आपरेशन करने वाले उस समय के सबसे बड़े सर्जन के नाम थे डॉ. माइकल डेबेके और डॉ. कूली।
बहुत अच्छी प्रस्तुति| धन्यवाद|
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