Saturday, February 26, 2011

अब आया दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर


वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर बनाने का दावा किया है। इसका आकार मात्र एक वर्ग मिलीमीटर है। यानि इतना छोटा कि आंख की पुतली में समा जाए। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस छोटे से यंत्र को आंख में प्रत्यारोपित करके ग्लूकोमा (मोतियाबिंद) का इलाज किया जा सकता है। फिलहाल इसे कोई नाम नहीं दिया गया है। ब्रिटिश अखबार द डेली मेल के मुताबिक, यह आकार में भले ही छोटा है लेकिन इसमें मेमोरी, प्रेशर सेंसर और एक बैटरी सहित कई उपकरण मौजूद हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक इसमें सोलर सेल और एंटिना समेत वायरलैस रेडियो भी है, जो डाटा को उससे जुड़े उपकरणों को हस्तांतरित कर सकता है। हालांकि इसे अभी बाजार में आने में काफी वक्त लगेगा। इसके निर्माता प्रोफेसर डेनिस सिल्वेस्टर, डेविड ब्लाऊ और डेविड वेंटलोफ का दावा है कि इस यंत्र के रेडियो के लिए उपयुक्त फ्रीक्वेंसी ढूंढ़ने की कोई जरूरत नहीं है। इसलिए इसे वायरलैस कंप्यूटर नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐसी इकाइयों का एक नेटवर्क भविष्य में प्रदूषण का पता लगाने और निगरानी करने के काम भी आएगा। प्रोफेसर सिल्वरस्टेन ने कहा, अगली चुनौती इससे भी छोटा उपकरण विकसित करने की है जिससे हमारे शरीर, पर्यावरण और इमारतों की निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा, चूंकि यह बेहद छोटा है इसलिए एक वेफर (सेमीकंडक्टर की बेहद पतली परत) पर सैकड़ों निर्मित किए जा सकते हैं। प्रति व्यक्ति ये हजारों बनाई जा सकती हैं और इसकी यह प्रति बढ़ोतरी सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास को जबरदस्त प्रगति दे|

No comments:

Post a Comment