Wednesday, February 2, 2011

लिप-प्रिंट बन सकता है डीएनए टेस्ट का विकल्प


अब वैज्ञानिकों को आनुवांशिक पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का विकल्प मिल गया है! अब होठों से भी व्यक्ति की आनुवांशिक पहचान संभव है। दंत चिकित्सा के छात्र राजन गुप्ता ने इसे संभव बनाने का दावा किया है। खास बात है कि यह तकनीक डीएनए जांच से कई गुना सस्ती और सुलभ है। चेन्नई में आयोजित कांफ्रेंस में राजन को इस शोध के लिए सम्मानित किया गया है। इसी डेंटल कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी फिर से दांत विकसित करने की शोध कर चुके हैं। डॉ. राजन गुप्ता के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के होंठों के निशान अपने परिवार के सदस्यों से मिलते-जुलते हैं। इनके आधार पर लोगों की पहचान संभव है। यह शोध डेंटल कालेज के ओरल पैथोलोजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अंजलि नरवाल की देखरेख में किया गया। इस तरह काम करेगी तकनीक होठों के जरिए किसी की पहचान करने के लिए संबंधित व्यक्ति के होठों का सैलो टेप पर पिं्रट लिया जाता है। इस प्रिंट को चार भागों में बांटा जाता है। ऊपरी होंठ व निचले होंठ को दो-दो भागों में वर्गीकृत कर परिवार के अन्य सदस्यों से मिलाया जाता है। होंठों पर उभरी लाइनों व अन्य आकृतियों में से कुछ परिवार के सदस्यों से हू-ब-हू मिलती है। इसके आधार पर व्यक्ति की पहचान हो पाती है। आपात स्थिति में है लाभदायक लिप-प्रिंट की यह तकनीक आपातकालीन स्थिति (भूकंप, बाढ़ आदि) में लाभदायक हो सकती है। गुमशुदा व्यक्ति, हत्या के मामले या अन्य किसी पुलिस जांच में भी यह तकनीक काम आएगी।


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