Saturday, February 19, 2011

औरतों से अधिक बातूनी हैं मर्द


यह जानकर बहुत लोग चौंक जाएंगे लेकिन सच यही है। औरतों के मुकाबले मर्द कहीं अधिक बातूनी होते हैं। एक ताजा अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। गप्पे मारने और वक्त-बेवक्त अधिक बात पुरुष और महिलाओं में से कौन अधिक करता है, तो अब हकीकत यही है कि मर्द ज्यादा बात करते हैं। औरतें अब तक बेवजह इस मामले में बदनाम रही हैं। युवक हों या वृद्ध वह बातों में महिलाओं से आगे हैं। लेकिन वह बहुत रोचक बातें करना नहीं जानते। मतलब बात करने की अवधि अधिक जरूर है लेकिन उनकी बातों में वह रस नहीं है जो महिलाओं की बातचीत में होता है। किसी जिरह को जीतना, चुटीली और खट्टी-मीठी बातों में अभी भी महिलाएं ही बाजी मारती हैं। अध्ययन में पाया गया है कि पुरुषों की बातचीत में शब्द अधिक होते हैं लेकिन महिलाओं के मुकाबले अपनी बात कहने का अंदाज वह बेहतरीन नहीं बना पाते। उनकी बातों के भाव उतने सटीक तरीके से प्रकट नहीं होते जितना महिलाएं कर पाती हैं। रीसर्च में यह भी पाया गया है कि जब गंभीर मुद्दों पर बातचीत हो रही हो तो पुरुष और महिलाओं की सोच-समझ का दायरा बराबर का होता है और शब्द भी एक समान ही इस्तेमाल किए जाते हैं। खासकर करंट अफेयर्स में दोनों में ही यह क्षमता समान रूप से है। अध्ययन में एक और मजेदार बात सामने आई है कि जब पुरुष अपने मित्रों के बीच हों तो उनकी बातचीत में शब्दों की भरमार होती है। पर फिर भी वह अपने आप को बहुत अच्छी तरह से जाहिर नहीं कर पाते। दूसरी ओर मित्रों के बीच महिलाएं भी अपने आप को ठीक से जाहिर नहीं कर पातीं। पर इसकी वजह यह है कि उनकी शब्दावली सीमित होती है। इस अध्ययन से एक मिथ और टूटा है कि महिलाओं की तरह पुरुष भी तारीफ किए जाने पर झेंप जाते हैं और जवाब देने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस अध्ययन ने महिलाओं के माथे से बातूनी होने का ठप्पा हटाया दिया है और अब यह मुहर पुरुषों पर लग गई है। चूंकि पुरुष ही ज्यादातर बस बात करने के लिए ही बात करते हैं। डेली एक्सप्रेस ने मेनचेस्टर यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जेफरी बीटल के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।

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