Thursday, January 6, 2011

सर्वाधिक पुरानी प्रतिरक्षा प्रणाली का खोला रहस्य

वाशिंगटन,वैज्ञानिकों ने प्रकृति के सर्वाधिक पुराने प्रतिरक्षा तंत्र के रहस्यों से पर्दा उठाने का दावा किया है। इसके लिए उन्होंने अध्ययन किया कि बैक्टीरिया कैसे अपने खुद के नियंत्रक में मौजूद विषाणुओं पर धावा बोलकर बाहरी डीएनए में सम्मिलित हो जाता है। थॉमस वुड की अगुवाई वाले टेक्सास की ए एंड एम यूनिवर्सिटी के शोध दल ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे बैक्टीरिया अपने प्राकृतिक शत्रु विषाणु के डीएनए के साथ सहयोगिता करके लाखों सालों से एंटीबायोटिक्स के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता आ रहा है। वुड के अनुसार, बैक्टीरिया और विषाणु खाने वाले बैक्टीरियाओं के बीच लाखों सालों से जंग चली आ रही है। इसमें विषाणु बैक्टीरिया की कोशिकाओं पर धावा बोलकर खुद की प्रतिकृति बनाने की कोशिश करता है और बैक्टीरिया के क्रोमोसोम में खुद को सम्मलित कर लेता है। जब ऐसा होता है तो बैक्टीरियम अपने क्रोमोसोम की एक नकल बना लेता है जिसमें विषाणु के कुछ अंश मौजूद रहते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि इसके बाद विषाणु खुद की प्रतिकृति बनाने के लिए बाद का समय चुन सकता है।

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