Thursday, January 13, 2011

सौर मंडल के बाहर मिला सबसे छोटा ग्रह

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के खगोलशास्ति्रयों ने सौर मंडल के बाहर अब तक का सबसे छोटा ग्रह खोजने में कामयाबी पाई है। यह ग्रह पृथ्वी की तरह चट्टानी है। मगर यह अपने सूर्य के अत्यधिक निकट है और इसलिए इसकी सतह का तापमान इतना ज्यादा है कि इस पर जीवन संभव नहीं है। इस ग्रह को केपलर 10 बी नाम दिया गया है। उल्लेखनीय है कि केपलर नासा का पहला मिशन है, जो अंतरिक्ष में सौरमंडल से बाहर पृथ्वी जैसे ग्रहों की तलाश कर रहा है। ऐसे ग्रहों की जहां पानी और हवा मौजूद हो। जहां जीवन की संभावनाएं हों। नासा की एक टीम के मुताबिक नए ग्रह की खोज मई 2009 से लेकर जनवरी 2010 तक अंतरिक्ष यान द्वारा जुटाए गए तथ्यों पर आधारित है। इस ग्रह का आकार धरती के आकार का 1.4 गुना ज्यादा है। एस्ट्रोफिजिकल पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस ग्रह का द्रव्यमान धरती के द्रव्यमान का 4.6 गुना ज्यादा है। इसका औसत घनत्व 8.8 ग्राम प्रति घन मीटर है। नासा के मोफेट फील्ड कैलिफोर्निया स्थित एमेस रिसर्च सेंटर की टीम प्रमुख नताली बैटला ने कहा, चट्टानी ग्रह के बारे में पहला ठोस सबूत तो यह है कि यह सूर्य जैसे एक तारे का चक्कर लगा रहा है। उन्होंने जोड़ा कि केपलर दल ने 2010 में छोटे ग्रहों को ढूंढ़ निकालने का वादा किया था और यह सफलता की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि केपलर-10 बी का मिलना पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की दिशा में मील का पत्थर है। यह ग्रह अपने तारे यानी सूर्य का एक चक्कर 0.84 दिन में पूरा करता है। जितना बुध हमारे सूर्य से करीब है, उसके मुकाबले केपलर-10 बी अपने सूर्य 20 गुना करीब है।

No comments:

Post a Comment