Sunday, January 30, 2011

मैकेनिक ने हवा से चलने वाला इंजन बनाकर किया हैरान


पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों और घटते भंडार की चिंता के बीच यह खबर कुछ सुकून दे सकती है। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हामिद हुसैन ने ऐसी तकनीक ईजाद की है जिसकी बदौलत इंजन हवा से चल सकता है। खास बात यह है कि हामिद कोई पढ़े-लिखे इंजीनियर नहीं बल्कि पांचवीं पास मैकेनिक हैं। उनकी इस तकनीक की पड़ताल करने के लिए टाटा मोटर्स के इंजीनियर भी पहुंचे। वह इस अविष्कार को देखकर हैरान रह गए और हामिद के सामने नौकरी का प्रस्ताव रख दिया। मगर उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। अब हामिद अपनी तकनीक का पेटेंट कराने की कोशिश कर रहे हैं। हामिद ने बताया कि काम करते करते एक दिन यूं ही उनके दिमाग में हवा से चलने वाला इंजन बनाने की बात आई। उसी दिन से वह इसके लिए जुट गया। अपने मैकेनिक गुरु की असमर्थता जताने के बाद वह अपनी पगार जोड़ने लगा। पहले स्कूटर के इंजन पर प्रयोग किया मगर असफलता मिली। इसके बाद उसने एक-एक कर उसने दस इंजनों पर प्रयोग किया। आखिर पांच साल की दिन रात मेहनत के बाद ऑटो के पुराने इंजन पर सफलता मिल गई। इस इंजन में आखिरी पुर्जा लगाने के बाद जब उसने कंप्रेशर टैंक से इसे हवा दी तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इंजन स्टार्ट हो चुका था और उसे वह सफलता मिल गई थी जिसे आज तक बड़े से बड़ा इंजीनियर भी हासिल नहीं कर सका था। इसके बाद उसने बागपत में इसका प्रदर्शन किया। हामिद ने बताया कि प्रशासन की मदद लेकर भारत सरकार के पास इंजन का पेटेंट कराने लिए अर्जी देगा।
तीसरी सबसे बड़ी सफलता!
टाटा मोटर्स के इंजीनियर राहुल मिश्रा ने बताया कि जापान के एक व्यक्ति ने हवा से इंजन चलाया था, परंतु हवा में कोई केमिकल मिलने के कारण वह सफल नहीं हो सका। हामिद दुनिया का तीसरा ऐसा व्यक्ति है, जिसने ऐसा आविष्कार किया है।
बिक गया सब कुछ
हामिद के पास एक मोल्डिंग (लोहा काटने और मोड़ने का काम) की दुकान थी, इंजन बनाने में वह भी बिक गई। इसके लिए उसने अपनी पत्‍‌नी के जेवर भी बेच डाले, दुकान की मशीनें बेच दी। इसके बाद भी धन की कमी आड़े आई तो कर्जा ले लिया। हामिद ने बताया कि इंजन का एक पार्ट खरीदने के लिए भी उसे और उसके परिवार को दो-दो दिन तक भूखा रहना पड़ता था। उसका कहना है कि करीब दस लाख रुपये गंवाकर उसका सपना साकार हो पाया है।


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