Thursday, January 6, 2011

भांग के रेशे से निखरेगी आपके घर की सुंदरता

देहरादून, भांग की मादकता अब भवनों की खूबसूरती में चार चांद लगाने के काम आएगी। जी हां! वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) के वैज्ञानिकों ने भांग के रेशों से टाइल्स बनाने का अनोखा तरीका खोज निकाला है। भांग ही नहीं वैज्ञानिकों को भीमल, रामबांस और चीड़ के रेशों की टाइल्स बनाने में भी सफलता हाथ लगी है। इनकी एक खासियत यह भी है कि ये पूरी तरह वाटर प्रूफ होंगी। एफआरआइ के पेपर एंड सेल्युलोज डिविजन के वैज्ञानिकों ने हैंड मेड विधि से टाइल्स का निर्माण किया है। इस तकनीक को ईजाद करने में वैज्ञानिकों को पूरा एक साल लगे। टाइल्स 16 जीएसएम (ग्राम स्वायर मीटर) की होंगी। इन पर आकर्षक डिजाइन भी तैयार किए गए हैं। वैज्ञानिक एसपी सिंह ने बताया कि टाइल्स को विशेष केमिकल की मदद से वाटर प्रूफ बनाया गया है। इसकी जलरोधी क्षमता जानने के लिए टाइल्स को 20 दिनों तक पानी के भीतर रखा गया। बाहर निकालने पर इनमें पानी का कोई असर नजर नहीं आया। इनका प्रयोग इंटीरियर डेकोरेशन के साथ-साथ घर के बाहरी हिस्से व बाथरूम की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। श्री सिंह कहते हैं कि भांग, रामबांस, चीड़ व भीमल उत्तराखंड में बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। राज्य में इनका व्यवसायिक उत्पादन बड़ी आसानी से किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कई सारी खासियतों से भरा होने के बावजूद हैंड मेड टाइल्स और बाजार में बिकने वाली अन्य टाइल्स के रेट में अधिक अंतर नहीं आएगा।
ये होंगे फायदे
टाइल्स बनाने के लिए कच्चा माल आसानी से मिल जाएगा। हैंड मेड विधि का प्रयोग होने के कारण स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। वजन से हल्की होने से इन्हें आसानी से इधर-उधर लाया जा सकेगा। घर को अलग लुक दिया जा सकेगा।



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