अगर सब कुछ ठीक रहा, वह दिन दूर नहीं जब आपको होने वाली आनुवांशिक बीमारी का पता पहले ही चल जाएगा। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई तकनीक विकसित करने का दावा किया है, जो किसी भी व्यक्ति के जीनोम को कुछ मिनटों में ही तैयार कर सकता है। वह भी मौजूदा खर्चों की तुलना में बेहद कम दामों पर। दरअसल शरीर का सारा राज जीन में छुपा होता है। इसके भंडार को जीनोम कहते हैं। हमारा जीनोम 31 लाख अलग-अलग फॉर्मूलों से बना है। इन्हीं फॉर्मूलों में छुपा है सारा राज। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के रसायन विज्ञान विभाग में कार्यरत और अध्ययन में शामिल शोधकर्ता डॉ. जोशुहा इडेल ने कहा कि मौजूदा तकनीक से तुलना करें तो हमारी तकनीक बेहद कम खर्चीली है। सिर्फ चंद डॉलर, जबकि 2007 में पूरे जीनोम को सीक्वेंस करने में करीब 10 लाख पौंड (करीब 70 लाख रुपये) की राशि खर्च हो गई थी। उन्होंने कहा कि हमने अभी नई तकनीक का परीक्षण एक पूरे जीनोम पर किया है मगर हमारे प्रारंभिक प्रयोग बताते हैं कि आप कुछ मिनटों में मानव जीनोम में मौजूद 3,165 मिलियन बेसों का सैद्धांतिक रूप से पूरा स्कैन कर सकते हैं। इससे चिकित्सकीय परीक्षणों या पुलिस और सुरक्षा कार्यो के लिए डीएनए प्रोफाइल बनाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। डॉ. इडेल ने कहा कि यह अपेक्षाकृत तेज और ज्यादा विश्र्वसनीय होनी चाहिए। इस तकनीक से प्रति सेकेंड 10 मिलियन बेस पढ़ने की क्षमता वाले उपकरण को आसानी से बनाया जा सकेगा। फिलहाल एकल मॉलीक्यूल तकनीक के जरिए प्रति सेकेंड सिर्फ 10 बेसों की ही गणना की जा सकती है। अपने शोध में दल ने दिखाया कि विद्युतीय चार्ज का इस्तेमाल करते हुए सिलीकॉन चिप में डीएनए तंतु को तीव्र गति से 50 नैनोमीटर के सूक्ष्म छिद्र या नैनोपोर से गुजारा जा सकता है। तंतु चिप के पिछले हिस्से पर उभरता है। इसके कोडिंग सीक्वेंस (बेस ए, सी, टी या जी) को इलेक्ट्रॉड जंक्शन की टनलिंग करके पढ़ा जाता है। दो तारों के बीच मौजूद दो नैनोमीटर की जगह विद्युतीय करंट के प्रवाहित होने में मदद करती है जो प्रत्येक बेस कोड से निकलने वाले विभिन्न विद्युतीय संकेतों के साथ मिलता है। इसके बाद जीनोम सीक्वेंस बनाने के लिए एक शक्तिशाली कंप्यूटर इन बेस कोड के संकेतों की व्याख्या कर सकता है। सहअध्ययनकर्ता डॉ. इमेनुएल इंस्टुली ने बताया कि नैनोपोर से डीएनए तंतु को गुजारा जाना नूडल को मुंह से अंदर खींचने जैसा है। अभी तक तंतु और नैनोपोर को सीध में लाना काफी कठिन था।
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