Sunday, January 16, 2011

34 हजार साल पुराना बैक्टीरिया जिंदा

वैज्ञानिकों ने 34 हजार साल पुराना जीवित बैक्टीरिया ढूंढ निकाला है। यह बैक्टीरिया पृथ्वी का सबसे पुराना और उम्रदराज जीव है। वैज्ञानिकों को यह बैक्टीरिया कैलीफोर्निया की डैथ वैली में पाए गए नमक कणों में मिला। अमेरिकी पत्रिका जीएसए टुडे के जनवरी 2011 अंक में यह जानकारी दी गई है। इस प्राचीनतम बैक्टीरिया की खोज करने वाले वैज्ञानिक ब्रायन शूबर्ट ने कहा, वाकई यह मेरे लिए सबसे बड़ा आश्चर्य है। ये बैक्टीरिया नमक कणों के भीतर बने बुलबुलों की नमी में जिंदा थे। उल्लेखनीय है कि सॉल्ट क्रिस्टल बहुत तेजी से बनते हैं और उनके भीतर जो भी पदार्थ या जीव होता है, वह कैद होकर रह जाता है। शूबर्ट के सहायक और बिंघमटन यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी विभाग के टिम लोएंसटिन के अनुसार, ये बैक्टीरिया हमेशा के लिए नमक कणों में कैद हो गए, जैसे कोई टाइम कैप्सूल में बंद हो जाए। शूबर्ट ने बताया कि ये बैक्टीरिया सदियों से जीवित थे, लेकिन बिना हिला-ढुले। वे जीने के लिए किसी ऊर्जा का प्रयोग नहीं कर रहे। वे न तरल अवस्था में तैर रहे थे और न अपनी संतति उत्पन्न कर रहे थे। वे सिवा अपने अस्तित्व को बनाए रखने के कुछ नहीं कर रहे थे। खास बात यह है कि शूबर्ट ने इन बैक्टीरिया को प्रयोगशाला में जीवित रूप में विकसित करने में कामयाबी हासिल की। जबकि एक दशक पहले कुछ वैज्ञानिकों ने दो खरब 50 अरब साल पुराने जीवित बैक्टीरिया खोजने का दावा किया था, लेकिन वे उनसे नई उत्पत्ति नहीं कर सके थे। अत: उन्हें मृत माना गया। शूबर्ट ने अपनी प्रयोगशाला के अतिरिक्त अन्य प्रयोगशालाओं में भी अपने द्वारा खोजे गए जीवों को भेजा, जिन्हें वहां भी जीव रूप में विकसित किया जा सका। शूबर्ट ने बताया कि उनके द्वारा खोजे गए बैक्टीरिया ने जागने में ढाई महीने के समय लिया और उसके बाद अपनी संतति बढ़ाई। यद्यपि शूबर्ट ने 900 बैक्टीरिया सैंपलों को इकट्ठा किया था, लेकिन उनमें से मात्र पांच में ही जीवन चक्र आगे विकसित हुआ।

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