Sunday, January 16, 2011

चार साल में फिर जिंदा होगा ऊनी मैमथ

लंदन, क्लोनिंग तकनीक में मिली एक उल्लेखनीय सफलता के बाद वैज्ञानिकों ने 5000 साल से अधिक समय पहले विलुप्त हुए ऊनी मैमथ का क्लोन चार साल के भीतर तैयार करने की उम्मीद जताई है। इससे पहले वैज्ञानिकों की यह कोशिश विफल रही थी क्योंकि वे साइबेरिया में पाई गई मैमथ की खाल और मांसपेशियों के ऊतकों की कोशिकाओं की केंद्रिका (न्यूक्लेई) हासिल नहीं कर पाए। इसलिए कि वह अत्यधिक ठंड के कारण नष्ट हो गई थी। रिकेन सेंटर फॉर डवेलपमेंट बायोलॉजी के तेरूचिको वाकायामा ने हाल में एक तकनीक विकसित की है। उससे 16 साल से बर्फ में दबे एक चूहे की कोशिकाओं से एक चूहे को क्लोन किया गया। इस सफलता के बाद जापान में क्योटो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अकीरा इरितानी अब ऊनी मैमथ को पुर्नजीवित करने का अभियान फिर से शुरू कर रहे हैं। उन्होंने डेली टेलीग्राफ को बताया, अब तकनीकी समस्या का हल ढूंढ लिया गया है। अब हमें बर्फ में दबे मैमथ के नरम ऊतक की जरूरत है। अकीरा अब मैमथ की स्वस्थ कोशिका निकालने से पहले इसकी केंद्रिका की पहचान के लिए वाकायामा की तकनीक का इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसके बाद केंद्रिका को अफ्रीकी हथिनी के अंडे में प्रष्विट कराया जाएगा। एक तरह से यह हथिनी मैमथ के लिए सरोगेट मदर का काम करेगी। प्रोफेसर अकीरी ने कहा कि उनका अनुमान है कि हथिनी के गर्भाधान से पूर्व दो साल की जरूरत होगी। इसके बाद करीब 600 दिन गर्भावस्था के लगेंगे। वह इस साल गर्मियों में मैमथ के जीवाश्मों की खोज में साइबेरिया जाने की योजना बना रहे हैं। यहां से वह उसकी त्वचा या ऊतकों का नमूना हासिल करेंगे जो 3 वर्ग सेमी. तक छोटा हो सकता है।

No comments:

Post a Comment